Sunday, 24 November 2019

ग्लास को नीचे रख दीजिये

 ग्लास को नीचे रख दीजिये 

एक प्रोफ़ेसर ने अपने हाथ में पानी से भरा एक glass पकड़ते  हुए class शुरू की . उन्होंने उसे ऊपर उठा कर सभी students को दिखाया और पूछा , ” आपके हिसाब से glass का वज़न कितना होगा?”
glass-ko-neeche-rakh-dijiye
’50gm….100gm…125gm’…छात्रों ने उत्तर दिया.
” जब तक मैं इसका वज़न ना कर लूँ  मुझे इसका सही वज़न नहीं बता सकता”. प्रोफ़ेसर ने कहा. ” पर मेरा सवाल है:
यदि मैं इस ग्लास को थोड़ी देर तक  इसी तरह उठा कर पकडे रहूँ तो क्या होगा ?”
‘कुछ नहीं’ …छात्रों ने कहा.
‘अच्छा , अगर मैं इसे मैं इसी तरह एक घंटे तक उठाये रहूँ तो क्या होगा ?” , प्रोफ़ेसर ने पूछा.
‘आपका हाथ दर्द होने लगेगा’, एक छात्र ने कहा.
” तुम सही हो, अच्छा अगर मैं इसे इसी तरह पूरे दिन उठाये रहूँ तो का होगा?”
” आपका हाथ सुन्न हो सकता है, आपके muscle में भारी तनाव आ सकता है , लकवा मार सकता है और पक्का आपको hospital जाना पड़ सकता है”….किसी छात्र ने कहा, और बाकी सभी हंस पड़े…
“बहुत अच्छा , पर क्या इस दौरान glass का वज़न बदला?” प्रोफ़ेसर ने पूछा.
उत्तर आया ..”नहीं”
” तब भला हाथ में दर्द और मांशपेशियों में तनाव क्यों आया?”
Students अचरज में पड़ गए.
फिर प्रोफ़ेसर ने पूछा ” अब दर्द से निजात पाने के लिए मैं क्या करूँ?”
” ग्लास को नीचे रख दीजिये! एक छात्र ने कहा.
” बिलकुल सही!” प्रोफ़ेसर ने कहा.
Life की problems भी कुछ इसी तरह होती हैं. इन्हें कुछ देर तक अपने दिमाग में रखिये और लगेगा की सब कुछ ठीक है.उनके बारे में ज्यदा देर सोचिये और आपको पीड़ा होने लगेगी.और इन्हें और भी देर तक अपने दिमाग में रखिये और ये आपको paralyze करने लगेंगी. और आप कुछ नहीं कर पायेंगे.
अपने जीवन में आने वाली चुनातियों और समस्याओं के बारे में सोचना ज़रूरी है, पर उससे भी ज्यादा ज़रूरी है दिन के अंत में सोने जाने से पहले उन्हें नीचे रखना.इस तरह से, आप stressed नहीं रहेंगे, आप हर रोज़ मजबूती और ताजगी के साथ उठेंगे और सामने आने वाली किसी भी चुनौती का सामना कर सकेंगे.
————-

Sunday, 17 November 2019

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते | Motivational Stories in Hindi by Shiv Khera

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते 


Motivational Stories in Hindi by Shiv Khera
बुरा मत बोलो

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते
एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया.उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा.
संत ने किसान से कहा , ” तुम खूब सारे पंख इकठ्ठा कर लो , और उन्हें शहर  के बीचो-बीच जाकर रख दो .” किसान ने ऐसा ही किया और फिर संत के पास पहुंच गया.
तब संत ने कहा , ” अब जाओ और उन पंखों को इकठ्ठा कर के वापस ले आओ”
किसान वापस गया पर तब  तक सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ चुके थे. और किसान खाली हाथ संत के पास पहुंचा. तब संत ने उससे कहा कि ठीक ऐसा ही तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्दों के साथ होता है,तुम आसानी से इन्हें अपने मुख से निकाल तो सकते हो पर चाह कर भी वापस नहीं ले सकते.
इस कहानी से क्या सीख मिलती है:
  • कुछ कड़वा बोलने से पहले ये याद रखें कि भला-बुरा कहने के बाद कुछ भी कर के अपने शब्द वापस नहीं लिए जा सकते. हाँ, आप उस व्यक्ति से जाकर क्षमा ज़रूर मांग सकते हैं, और मांगनी भी चाहिए, पर human nature कुछ ऐसा होता है की कुछ भी कर लीजिये इंसान कहीं ना कहीं hurt हो ही जाता है.
  • जब आप किसी को बुरा कहते हैं तो वह उसे कष्ट पहुंचाने के लिए होता है पर बाद में वो आप ही को अधिक कष्ट देता है. खुद को कष्ट देने से क्या लाभ, इससे अच्छा तो है की चुप रहा जाए.
———

Sunday, 10 November 2019

सफलता का रहस्य / Secret of Success in Hindi

एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या  है?
Secret of Success in Hindi
सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो. वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया.
लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा , लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा. फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना.
सुकरात ने पूछा ,” जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”
लड़के ने उत्तर दिया,”सांस लेना”
सुकरात ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना  चाहते थे  तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है.
दोस्तों, जब आप सिर्फ और सिर्फ एक चीज चाहते  हैं तो more often than not…वो चीज आपको मिल जाती है. जैसे छोटे बच्चों को देख लीजिये वे न past में जीते हैं न future में, वे हमेशा present में जीते हैं…और जब उन्हें खेलने के लिए कोई खिलौना चाहिए होता है या खाने के लिए कोई टॉफ़ी चाहिए होती है…तो उनका पूरा ध्यान, उनकी पूरी शक्ति बस उसी एक चीज को पाने में लग जाती है and as a result वे उस चीज को पा लेते हैं.
इसलिए सफलता पाने के लिए FOCUS बहुत ज़रूरी है, सफलता को पाने की जो चाहता है उसमे intensity होना बहुत ज़रूरी है..और जब आप वो फोकस और वो इंटेंसिटी पा लेते हैं तो सफलता आपको मिल ही जाती है.